Sunday, 2 October 2011

गाँधी वध




राम नाम सत्य है,
गोडसे का उचित कृत्य है।

हिन्दुत्व की रक्षा ज़रूरी थी,
गाँधी वध की मजबूरी थी।

वह संत के रूप में पाप था,
भारत माता पर श्राप था।

जब लाखों हिन्दू मरते थे,
रिफ़्यूजी बन कर फिरते थे।

यह विधर्मियों को बचाता रहा,
उन्हें पच्पन करोड़ दिलाता रहा।

जो सब कुछ छोड़ कर आए थे,
बस जान ही बचा पाये थे।

उन्हें अहिंसा ये सिखलाता रहा,
उनकी आत्मा को जलाता रहा।

इस सबसे होकर त्रस्त-त्रस्त,
गोडसे ने उठाया शस्त्र-शस्त्र।

और एक पिशाच का संहार किया,
भारत माँ का उद्धार किया।