Thursday, 1 December 2011

पाकिस्तान से आये हिंदू........

पाकिस्तान से आये हिंदू 'शरणार्थी' कहलाते हैं,
उनको वापस जाना होगा मंत्री सब चिल्लाते हैं।

गर ये हिंदू ना होकर के अन्य धर्म से हुए होते,
इनकी सेवा में तत्पर सब मंत्री यही हुए होते।

कोई भी आगे ना आया इन्हें समर्थन देने को,
मानो सब राजी हों अपना मूक-समर्पण देने को।

भारत में हिंदू होना अपराध सरीखा लगता है,
जिसका झंडा भगवा है वो दल भी फीका लगता है।


कोई जा कर के उनकी आँखों की पीड़ा को समझे,
क्या-क्या सहन किया है तब आये हैं बड़ी उम्मीदों से।

उनको रोटी-कपड़ा-पानी की तुमसे दरकार नहीं,
लेकिन नर्क में वापस जाना भी उनको स्वीकार नहीं।

बस इतनी सी चाह है उनकी भारत में ही शरण दे दो,
वापस नहीं जायेंगे चाहे प्राण शरीर से तुम ले लो।

आतंकीयों के मानवाधिकार की जो बातें करवाते है,
ऐसे समय में ना जाने सब कहाँ लुप्त हो जाते हैं।


आई.एस.आई. का एजेंट जामा मस्जिद भीतर बैठा है,
हिम्मत है तो जेल में डालो तुम्हें चुनौती देता है।

बंग्लादेश से लाखों की घुसपैठ यहाँ पर होती है,
पर वो 'वोट-बैंक' हैं उन्हें पूरी आज़ादी होती है।

हिम्मत है तो पहले उन घुसपैठियों को वापस भेजो,
जो पहले आया उसको पहले जाने पर विवश करो।

लेकिन तुम में ऐसा करने का साहस पर्याप्त नहीं,
क्योंकि तुमको 'राजमहल' से ये अधिकार है प्राप्त नहीं।

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