Sunday, 11 March 2012

गोधरा की तुम सोच ना लेना.......

गोधरा की तुम सोच ना लेना, हम गुजरात दोहरा देंगे,
अबकी बार जामा मस्जिद तक पर भगवा फहरा देंगे।

देश ने तुमको युँ माना जैसे चिराग होता घर का,
किसे पता था ये चिराग खुद घर में आग लगा देंगे।

नफ़रत की ज्वाला भड़काकर तुमने कश्मीर जलाया है,
उस आग को देकर दिशा नई अब स्वाहा तुम्हें करा देंगे।

वर्षों बीत गये हैं मगर बाबरी-बाबरी चिल्लाते हो,
अब बारी मथुरा-काशी की, वहाँ भी शुद्धी करवा देंगे।

1200 साल के अत्याचार ना भूले हैं, ना भूलेंगे,
तुम भूल भी जाओगे तो तुमको याद पुन: दिलवा देंगे।

वो दिन हवा हुए जब हम शांती की माला जपते थे,
अब माँओं ने हैं शेर जने जो चीर के तुम्हें दफ़ना देंगे।

हर बार तुम्हारे वार के बदले हमने तुमको प्यार दीया,
अब वार के बदले होगा वार, धरती से तुम्हें मिटा देंगे।

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