Thursday, 20 June 2013

नव-भारत निर्माण करें....

कोई दिन ऐसा भी बीते हत्या-लूट-बलात्कार ना हो,
भ्रष्टाचार के द्वारा भारत माँ का तिरस्कार ना हो
|
ना हो कोई कहीं घोटाला
, रिश्वत का व्यापार ना हो,
देश रहे सर्वोच्च सदा
, बस कुर्सी से ही प्यार ना हो||

बात नहीं यह स्वप्न लोक की ऐसा भी दिन आयेगा,
जब भारत फिर से संसार में विश्व-गुरु कहलाएगा
|
लूट-खसोट और भ्रष्टाचार का अँधियारा छंट जाएगा
,
और भारत को सकल विश्व में फिर से पूजा जाएगा
||

सुखद भविष्य की ओर सभी भारतवासी प्रयाण करें,
भ्रष्ट व्यवस्था का मिलकर आओ हम सब निर्वाण करें
|
सर्वस्व लुटाकर अपना हम भारत माता का त्राण करें
,
जात-पात से ऊपर उठकर नव-भारत निर्माण करें
||

फिर से इक पाकिस्तान ना हो.....

19 जनवरी सन 90 की सुबह बहुत ही काली थी,
हिन्दू सब सहमे-दुबके थे, विपदा आने वाली थी|
 

अपने घर में ही उनको खुलकर धमकाया जाता था,
इस्लाम कबूलो या घर छोड़ो – फरमान सुनाया जाता था|
 

मंदिर टूटे, अस्मत लूटी गई, लहू सना था माटी में,
भारत माँ को छलनी किया गया काश्मीर की घाटी में|


धर्म रक्षा करने हेतू हिन्दूओं ने अपना घर त्यागा,
जान बचाने को अपनी हर कश्मीरी हिन्दू भागा|
 

ढाई दशक हैं बीत चुके पर विस्थापित आबाद नहीं,
फिर भी नेता कहते हैं ‘इस्लामिक’ आतंकवाद नहीं|
 

गुजरात का सब रोना रोते पर काश्मीर को भुला दीया,
काश्मीर - जिसने भारत को खून के आँसू रुला दीया|
 

काश ये नेता समझा सकते देश-द्रोह की परिभाषा,
लेकिन देश से बढ़कर है इनको कुर्सी की अभिलाषा|
 

जाग युवा अब देश बचा ले,भारत का फिर अपमान ना हो,
देश ना फिर से खंडित हो, फिर से इक पाकिस्तान ना हो|

Monday, 21 January 2013

वह देश की बेटी........

वह देश की बेटी चली गई है कभी ना वापस आने को,
अब चाहे जितने दीप जला लो अपना मन बहलाने को।

यूँ दीप जला और मार्च निकाल कर क्या हासिल कर पाओगे,
कब तक अहिंसा की आड़ में अपने नपुंसकत्व को छिपाओगे।

संवेदना विहीन प्रशासन से न्याय की आशा बेमानी है,
अब आत्म-रक्षा के हेतु हमें खुद ही तलवार उठानी है।

जब हर नारी में चण्डी-दुर्गा, नर में श्री राम विराजेंगे,
तब अत्याचार करने से पूर्व महिषासुर-रावण काँपेंगे।

यह याद रहे उस भगिनी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाये,
यही सच्ची श्रद्धंजली होगी उसे कि मेरा भारत जग जाये।