कोई दिन ऐसा भी बीते हत्या-लूट-बलात्कार ना हो,
भ्रष्टाचार के द्वारा भारत माँ का तिरस्कार ना हो|
ना हो कोई कहीं घोटाला, रिश्वत का व्यापार ना हो,
देश रहे सर्वोच्च सदा, बस कुर्सी से ही प्यार ना हो||
भ्रष्टाचार के द्वारा भारत माँ का तिरस्कार ना हो|
ना हो कोई कहीं घोटाला, रिश्वत का व्यापार ना हो,
देश रहे सर्वोच्च सदा, बस कुर्सी से ही प्यार ना हो||
बात नहीं यह स्वप्न लोक की ऐसा भी दिन आयेगा,
जब भारत फिर से संसार में विश्व-गुरु कहलाएगा|
लूट-खसोट और भ्रष्टाचार का अँधियारा छंट जाएगा,
और भारत को सकल विश्व में फिर से पूजा जाएगा||
जब भारत फिर से संसार में विश्व-गुरु कहलाएगा|
लूट-खसोट और भ्रष्टाचार का अँधियारा छंट जाएगा,
और भारत को सकल विश्व में फिर से पूजा जाएगा||
सुखद भविष्य की ओर सभी भारतवासी प्रयाण करें,
भ्रष्ट व्यवस्था का मिलकर आओ हम सब निर्वाण करें|
सर्वस्व लुटाकर अपना हम भारत माता का त्राण करें,
जात-पात से ऊपर उठकर नव-भारत निर्माण करें||
भ्रष्ट व्यवस्था का मिलकर आओ हम सब निर्वाण करें|
सर्वस्व लुटाकर अपना हम भारत माता का त्राण करें,
जात-पात से ऊपर उठकर नव-भारत निर्माण करें||